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Monday, April 18, 2022

पृथ्वी, ✍️ हेमंत कुमार

पृथ्वी 🌏🌏 

इतना मुश्किल वक़्त पृथ्वी पे यूं ही तो,ना आया होगा।
हमने भी,धरती की आत्मा को,खूब ही तड़पाया होगा।।

पिंघला दिए बड़े बड़े ग्लेशियर, तबाह कर दी नदियां।
कमाल की बात है इसमें हमें लगी सिर्फ 20 सदियां।। 

हर किसी की जुबान पर शान्ति, और "बुद्ध" ही है यहां।
पर कोई ऐसा मुल्क नहीं जिसने "युद्ध" ना लड़े हो यहां।।

कितना मासूम है ये इंसा,कितना भोला सा है ये मानव।
जात,धर्म के नाम पे,जब चाहे तब बन जाता है दानव।। 

दूध में जहर है,सब्जियों में जहर है,अनाज में जहर है।
और अब जान पर आन पड़ी तो ये "खुदा" का कहर है।। 

खा लिए हमने सारे जंगल, कर दी धरती हमने बंजर।
आज इतने हैरां क्यों हैं हम देख के ये डरावना मंजर।। 

तोड़ लिए "परिवार",बना लिए सबने अपने अपने "घर"।
अब इस "मुसीबत" में "अकेलेपन" से ही लगता है डर।। 

लाइलाज बीमारी से भी ज्यादा घातक है ये इंसानी लूट।
मौका मिलते ही, यही लालची इंसान रहा है चांदी कूट।। 

सब, पाक साफ हैं यहां,चाहे नेता हो या बड़े अधिकारी।
अदालत यहां रोज पूछ रही,किसकी क्या है जिम्मेदारी।।
🎭🎭 

✍️ हेमंत कुमार

Saturday, December 4, 2021

वैक्सीन, ✍️ हेमंत कुमार

 वैक्सीन🎯🎯 

चाय पे चर्चा चलते चलते वैक्सीन तक आ गई...! 
चाइना से बीमारी अब हमारे गांव तक आ गई...!!

वैक्सीन लगवाएं या ना लगवाएं...!! 
चर्चा तो ये खासों~आम है.... 
क्योंकि खतरा चारों तरफ सरेआम है....!! 

कोवैक्सिन लगवाएं या कोविशिल्ड....!! 
पंतप्रधान तो कोवैक्सिन लिए हैं.... 
ऑक्सफोर्ड का भी देखो बड़ा नाम है....!! 

स्वदेशी लगवाएं या स्पुतनिक....!! 
स्वदेशी तो यहां बिल्कुल मुफ्त है.... 
स्पुतनिक के तो देखो महंगे बड़े दाम हैं....!! 

फ़ाइज़र आएगी यहां या मॉडर्ना....!! 
नज़रें तो इस पे भी जाम हैं.... 
देखो, इस पे अभी अनिश्चितता तमाम है....!! 

वैक्सीन तो कोई भी लगवा लें "हम"....!! 
पर मिलना इसका मुश्किल काम है.... 
कोविन पोर्टल लगा दे लॉटरी, तब कहीं आराम है....!!

वैक्सीन तो लग ही जायेगी....पर ध्यान रहे....!! 
मास्क, दो ग़ज दूरी और सैनिटाइजर फिर भी आपके पास रहे....!! 
😷😷 

✍️ हेमंत कुमार

Friday, December 3, 2021

उम्मीद, ✍️ हेमंत कुमार

उम्मीद 🌄🌄

"खतरा" टल रहा है, टल भी जाएगा....

उम्मीद है "वो" दौर कभी ना आएगा....

लेकिन उसका "डर" मन से ना जाएगा....

कहीं "वो" फिर लौट के तो ना आएगा....


पर सुना है ये "वायरस" अब यहां से ना जाएगा....

"इसके" ढंग में ढलना ही बस अब काम आएगा....

इतने दिन में जो "सीखा" है कही भूल तो ना जाएगा....

"कुदरत" को सहेज के रखना ही हमारे काम आएगा....


अब प्रण कर....!!!

अपनी सेहत का अब विशेष ख्याल रखा जाएगा....

आज का अच्छा खाया ही कल तेरे काम आएगा....

वर्जिश गर तू करेगा, सुबह की सैर पे भी तू जायेगा....

फिर क्या मजाल कि कोई वायरस तेरे पास आएगा....


"खतरा" टल रहा है, टल भी जाएगा....

उम्मीद है "वो" दौर कभी ना आएगा....

लेकिन उसका "डर" मन से ना जाएगा....

कहीं "वो" फिर लौट के तो ना आएगा....

☘️☘️


✍️ हेमंत कुमार

वायरस, ✍️ हेमंत कुमार

वायरस 🦠🦠

जमाने को लगी है ऐसे वायरस की हवा....

जिसकी अभी तक ना बनी है कोई दवा....

क्या मालूम कैसी~कैसी है ये बला....

जो भी जरा सा ना संभल के चला....

उसी से ही जिंदगी हो जाती है खफा....

देखते ही देखते फेफड़े हो जाते हैं बेवफा....!!!


क्या फिर अब दुआ से ही काम चलेगा... ??

या फिर दवा कंपनियों का खेल ही चलेगा... ??

कब तक दुनिया में खौफ का आलम रहेगा... ??

क्या कभी उम्मीद का सूरज भी यहां उगेगा... ??

कैसे इन हांफते फेफड़ों को सहारा मिलेगा... ??


वैक्सीन तो आ गई है, यकीनन फायदा तो मिलेगा....

हैं सब सुकून की तलाश में, क्या वो भी यहां मिलेगा....

हौंसला मिल रहा है हर तरफ से कि आराम मिलेगा....

हूं मैं भी....

इसी उम्मीद में कि मेरे मौला से कोई इशारा मिलेगा....

मिटेगा ये वायरस दुनिया से,

सांसों को, निश्चित ही, फिर से नया जीवन मिलेगा....!!!

🏵️🏵️


✍️ हेमंत कुमार

वक़्त ✍️ हेमंत कुमार

 

वक़्त 🕘🕘

ये वक़्त है दवाओं और दुवाओं के इम्तिहान का....

ये वक़्त है ईमान और इंसान के इम्तिहान का....

ये वक़्त है हिम्मतों और हौसलों के इम्तिहान का....

ये वक़्त है रहबरों और रहनुमाओं के इम्तिहान का....

ये वक़्त है सांसों और धड़कनों के इम्तिहान का....


उम्मीदों के चिराग जलाये रख....हौंसला बनाए रख....

ये दौर है इम्तिहानों का....ये दौर भी गुजर जाएगा....

🌄🌄

✍️ हेमंत कुमार

हौंसला, ✍️ हेमंत कुमार

हौंसला 🌿🌿

यूं हौंसला ना छोड़....यूं खौफ में ना जी...

यकीं मान....भरोसा रख....

ये फिदरत है वक्त की...जैसा भी हो बीत जायेगा....

क्यों तू नाउम्मीद हो रहा बंदे....??

एक ही इम्तिहान में तू घबरा रहा....

हौंसला अब तेरा कहां गया....

तू तो उम्मीद है औरों की....

तू ही अभी से लड़खड़ा गया....

कर हौंसला बुलंद और टकरा जा आंधियों से....

हर वक्त इन हाकीमों की खैरात के भरोसे ना रह....

बाद में टकरा लेंगे हम इन अहले सियासत से....

अभी तो बस तू एहतियातन जरा संभल के रह....

हर मुकाबला सामने से किया जाता नहीं....

हर युद्ध तीर, तलवारों से लड़ा जाता नहीं....

है मुनासिब यही आज इंसान के लिए....

जो हो सके तो घर पे ही रहे....

मालूम है हमें....

बहुत मुश्किल है, पर इस कठिनाई को सहे....

गर करना पड़े दुश्मन का सामने से मुकाबला....

पहले फेफड़ों में हिम्मत की आक्सीजन भरे....

फिर एहतियातन नाक, मुंह को भरोसे के वस्त्र से ढके....

बार~बार हाथों को साबुन या सेनिटाइजर से धोता रहे....

खान~पान हो ऐसा, एकदम शुद्ध सात्विक जैसा....

गर हो बुखार, तू घबराना नही....

पैरासिटामोल लेना तू भूल जाना नही....

टेस्टिंग से तू बिल्कुल कतराना नही....

गर हो गया हो दुश्मन का हमला....

कतई तू डरना नही....गर लक्षण हैं हल्के....

काढ़ा, हल्दी का दूध, भाप, गिलोय से ही हो जायेगा इलाज बस तु हौंसले से हटना नही....

संक्रमण हो गया हो ज्यादा, तो डॉक्टर से बचना नहीं....

10~12 दिन की ही उम्र है इस नामुराद वायरस की....

बस तू इम्यूनिटी को किसी भी हाल में कम होने देना नही....

यूं हौंसला ना छोड़....यूं खौफ में ना जी...

यकीं मान...भरोसा रख....

ये दौर है इम्तिहानों का....उम्मीद के चिराग जलाए रख...

ये फिदरत है वक्त की...जैसा भी हो बीत जायेगा....

कल फिर एक नई सुबह का सूरज जगमगाएगा....

🌻🌻

✍️ हेमंत कुमार

बेदर्द दुनिया, ✍️ हेमंत कुमार

बेदर्द दुनिया 🔆🔆 बड़ी बेदर्द है दुनिया,“हवाओं” के संग हो के कहां जाऊंगा। तुझमें बसती है रूह मेरी, तुमसे अलग हो के कहां जाऊंगा।...