सर्दी ⛄⛄
सर्दी का ये हसीन सा मौसम और ये कैसी खुमारी।
मूंगफली और गुड़ की गज्जक की कर लो तैयारी।।
मद्धम सी धूप और गुलाबी सी ठंड में ये बे~करारी।
गाजर का हलवा और गोंद के लड्डुओं की तैयारी।।
शीत लहर का आगाज और कांपती हड्डियां हमारी।
करो चाय, कॉफी और गर्मा गर्म से सूप की तैयारी।।
घना कोहरा चारों तरफ़ और धुंधली सी राहें न्यारी।
ओढ़ लिया कंबल हमने, सर से पैर तक है तैयारी।।
अलाव का क्या है प्रबंध और किसकी है जिम्मेदारी।
छा रही है सर्दी हर तरफ, बचने की करो तुम तैयारी।।
कुछ भी कहो तुम, ये सर्दी मेरे दिल को बहुत है प्यारी।
हमने भी कर ली है अब के बरस की सर्दी की तैयारी।।
💟💟
✍️ हेमंत कुमार