एक
धागा
मन्नत
का
जो
मैने
बांधा
था
उस
पीपल
के
पेड़
पर....
जब
मैने
पहली
बार
तुम्हें
मांगा
था
बड़ी
शिद्दत
से....
अब
लगता
है
वो
धागा
खोलने
का
वक़्त
आ
गया
है....
ताकि
भ्रम
बना
रह
सके
मांगी
गई
मन्नतों
का
और
बेजुबान
दिलों
का....
☘️❤️
✍️ हेमंत कुमार
बेदर्द दुनिया 🔆🔆 बड़ी बेदर्द है दुनिया,“हवाओं” के संग हो के कहां जाऊंगा। तुझमें बसती है रूह मेरी, तुमसे अलग हो के कहां जाऊंगा।...