Followers

Showing posts with label स्त्री. Show all posts
Showing posts with label स्त्री. Show all posts

Friday, March 8, 2024

स्त्री, ✍️ हेमंत कुमार

स्त्री 🦋🌹

माना पग-पग पर हैं बंधन
हर जिम्मेदारी न्यारी.......
पर तुमने हर बंधन को...... 
........कदम ताल बनाया है। 

माना सृजन से समर्पण तक
हर जिम्मेदारी प्यारी.......
पर तुमने सूझ बूझ से......
.......अपना मुकाम बनाया है।

माना भक्ति से परम शक्ति तक
हर जिम्मेदारी भारी.......
पर तुमने अपने बलबूते......
.......एक अलग जहां बनाया है।

स्त्री.....
तुम आजाद थी, हो और रहोगी....
बहते पानी को कब कोई रोक पाया है?
और जब-जब भी हिमाकत हुई है....जलजला आया है। 😊💐

✍️ हेमंत कुमार

बेदर्द दुनिया, ✍️ हेमंत कुमार

बेदर्द दुनिया 🔆🔆 बड़ी बेदर्द है दुनिया,“हवाओं” के संग हो के कहां जाऊंगा। तुझमें बसती है रूह मेरी, तुमसे अलग हो के कहां जाऊंगा।...