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Monday, April 18, 2022

कैक्टस, ✍️ हेमंत कुमार

कैक्टस 🌵🌵

हां....हमने भी दिया है उस कैक्टस में पानी....
हमने भी संभाली हैं वो तैरती कविता/कहानी....
तेरे जाने के बाद.....
हां, तेरे जाने के बाद....

देखी है हमने उदास सी ग्रीन टी....
देखा है निढाल सा शहद हमने....
तेरे जाने के बाद.....
हां, तेरे जाने के बाद....

फिर देखा है हमने खुद को बिखरते....
और देखा है उस चांद को संभालते हमें....
तेरे जाने के बाद.....
हां, तेरे जाने के बाद....

हमने भी झेला है वो खामोश सा सन्नाटा.....
कुमलाई सी वो कोपलें भी देखी हैं हमने.....
तेरे जाने के बाद....
हां, तेरे जाने के बाद....

और फिर सुबह उठ कर....
हमने भी दिया है उस कैक्टस में पानी....
हमने भी संभाली हैं वो तैरती कविता/कहानी....
तेरे जाने के बाद.....
हां, तेरे जाने के बाद....
💝💝

✍️ हेमंत कुमार

बेदर्द दुनिया, ✍️ हेमंत कुमार

बेदर्द दुनिया 🔆🔆 बड़ी बेदर्द है दुनिया,“हवाओं” के संग हो के कहां जाऊंगा। तुझमें बसती है रूह मेरी, तुमसे अलग हो के कहां जाऊंगा।...