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Wednesday, November 24, 2021

इक शाम सिर्फ तुम्हारे नाम, ✍️ हेमंत कुमार

इक शाम सिर्फ तुम्हारे नाम 🌆 🌆

अच्छा‼️ चलो तुम कहते हो तो यूं करते हैं। 
आज की ये इक शाम सिर्फ तुम्हारे नाम करते हैं।। 

ये उलफतें, अदावतें तो यूं ही चलती रहती हैं। 
आज घड़ी दो घड़ी सिर्फ प्यार की बातें करते हैं।।

गुनगुनी सर्दी और हल्का सा कोहरा छा रहा है। 
आज ये मस्त मौसम सिर्फ तुम्हारे नाम करते हैं।।

आदतन हम किसी पर भी एतबार नही करते हैं।
आज तुम कहो और हम सिर्फ तुम्हारी ही सुनते हैं।।

साथ निभाने का हम कभी वादा तो नहीं करते हैं।
आज जहां चाहो ले चलो सिर्फ तुम्हारे साथ चलते हैं।।

धीमी सी आंच पर दो कड़क सी चाय बनाते हैं। 
आज तुम्हारे साथ बैठकर सिर्फ तुम्हारा इंतजार करते हैं।। 

बहुत लंबे अरसे के बाद शाम ये सुहानी आई है।
आज कुछ और नहीं सिर्फ अपना बकाया हिसाब करते हैं।। 
☕☕ 

 ✍️ हेमंत कुमार 
 
उलफत= मोहब्बत अदावात=दुश्मनी

बेदर्द दुनिया, ✍️ हेमंत कुमार

बेदर्द दुनिया 🔆🔆 बड़ी बेदर्द है दुनिया,“हवाओं” के संग हो के कहां जाऊंगा। तुझमें बसती है रूह मेरी, तुमसे अलग हो के कहां जाऊंगा।...