Followers

Sunday, April 9, 2023

अधूरे ख़्वाब, ✍️ हेमंत कुमार


अधूरे ख़्वाब 🌌🌌

उदास शामें
जब घने अंधेरे
के आगोश में
समाने लगती हैं....

तब तुम्हारा
वही पुराना, मखमली
ख्याल अमूमन मुझे
ऐसे जकड़ लेता है....

जैसे प्रेम में
कोई बच्चा अपने
जिगरी दोस्त को
कस के बाहों में ले लेता है....

आह..! उन दिनों के 
बाद ‘हम’ कब मिल
पाए हैं फुर्सत भरी
गर्मी की लंबी शामों में....

उस मॉल में 
रेस्तरां की सबसे कोने 
वाली बेंच आज भी जैसे
हमारे इंतजार में खाली है....

बहुत लंबे
फासलों को अक्सर
गुजरते वक़्त की
रफ़्तार ही पाटती है....

वक़्त के मुकर्रर 
किए गए दिन हम-तुम 
और हमारे अधूरे ख़्वाब
ऐसे मिलेंगे....

जैसे जून के महीने में
किसी धुंधली सी शाम में
धरती और आकाश मिलते
हैं ‘क्षितिज’ के उस पार....
🏜️🏜️

✍️ हेमंत कुमार

Wednesday, March 29, 2023

लाल रंग, ✍️ हेमंत कुमार

लाल रंग ❤️‍🔥

ये लाल रंग भी कमाल है.....

ये सुकून है, खामोशी है।
ये जंग है, खून का रंग है।
ये क्रान्ति है, घोर तपस्या है।

ये लाल रंग भी कमाल है.....

ये इश्क है, रंग-ए-जमाल है।
ये गहरा आकर्षण है, खतरा है।
ये इबादत है, माथे का सिन्दूर है।

ये लाल रंग भी कमाल है.....

ये गुलाब है, चेहरे का रुआब है।
ये जलता सूरज है, तपता लोहा है।
ये माथे की बिंदी है, मन्नत का धागा है।

ये लाल रंग भी कमाल है.....

ये खौलता हुआ लावा है, असावधानी जानलेवा है।
ये सड़क पर खतरे का संकेत है, दिल की गहरी प्रीत है।
ये क्षितिज का कैनवास है, धरती और आकाश की प्यास है।

ये लाल रंग भी कमाल है.....
❣️❣️

✍️ हेमंत कुमार

Monday, March 13, 2023

किताब, ✍️ हेमंत कुमार

किताब 📖📖

हर तरफ़ खुशबू महकाये, किताब एक ऐसी लिखी जाए।
हर एक दिल को छू जाए, मिसाल एक ऐसी लिखी जाए।।

तमाम दुनिया भरी पड़ी है किस्सों, कहानियों, फसानों की।
इन सब से जरा हट कर ‘हकीकत’ एक ऐसी लिखी जाए।।

बे-हिसाब बरसा पानी बनता है दरिया में सूरत सैलाब की।
डूबतों को बचाए कागज़ पर किश्ती एक ऐसी लिखी जाए।।

हर एक शख्स के सीने से मिट जाएं लकीरें घनी बेचैनी की।
इश्किया दिल की कलम से इबारत एक ऐसी लिखी जाए।।

लाइब्रेरियाँ भरी पड़ी हैं उदासियों के किस्से~कहानियों की।
सूखी आखों में नमी ले आए गुफ्तगू एक ऐसी लिखी जाए।।

भूल जाएं लोग अलिफ~लैला में पढ़ी दास्तानें रेगिस्तान की।
रेत के टीलों पर उंगलियों से हसरत एक ऐसी लिखी जाए।।

सबको याद रहे अपनी कहानी सुख~दुख में हिस्सेदारी की।
जिंदगी के कहकहों पर ‘कुमार’ बात एक ऐसी लिखी जाए।
📚📚

✍️ हेमंत कुमार 

Wednesday, March 8, 2023

होली मुबारक, ✍️ हेमंत कुमार

होली मुबारक 💛

होली के ‘रंग’ मुबारक, खुशियों का ये त्योहार मुबारक। 
चेहरे पर ‘मुस्कान’ मुबारक,गुजिया और भांग मुबारक।।

छोटों को पिचकारी मुबारक, बड़ों को ‘धमाल’ मुबारक।
चटोरों को पकवान मुबारक, बाकी को मिष्ठान मुबारक।।

प्रेम मुबारक, स्नेह मुबारक, सब को नई उमंग मुबारक।
आशा और विश्वास मुबारक, सब को ये होली मुबारक।।
🌀🌼🌸🌻☘️

✍️ हेमंत कुमार 

Tuesday, February 28, 2023

अंदाज ए कातिल, ✍️ हेमंत कुमार

अंदाज ए कातिल 🫶🫶

कौन है वो, कहां है वो, जिसके “तलबगार” से हैं हम।
अब उसे कहां ढूंढे, जिसके बरसों से इंतजार में हैं हम।।

जब से मिले हैं उससे, बस ‘एक-दम’ ठगे से गए हैं हम।
अंदाज-ए-कातिल ही कुछ ऐसा है और क्या बताएं हम।।

ये नजरों का धोखा नहीं, सच में, ‘जान’ से, गए हैं हम।
तुम ही कहो, इस ‘जुर्म’ की ‘रपट’ कहां लिखवाएं हम।।

तीर जाके ठीक ‘निशाने’ पर लगा है, मान से गए हैं हम।
अब इस पर कोई ‘मरहम’ लगा दे,‘बेदम’ से हो गए हम।।

जब से पुकारा है मुझे मेरे नाम से,‘पगला’ से गए हैं हम।
इतनी शिद्दत थी उस लहजे में, करें भी तो क्या करें हम।।

मामला ये दिलों का है और ‘बेपरवाह’ से हो गए हैं हम।
अब खुदा जाने क्या होगा,‘मस्तमौला’ से हो गए हैं हम।।
☘️☘️

✍️ हेमंत कुमार

बेदर्द दुनिया, ✍️ हेमंत कुमार

बेदर्द दुनिया 🔆🔆 बड़ी बेदर्द है दुनिया,“हवाओं” के संग हो के कहां जाऊंगा। तुझमें बसती है रूह मेरी, तुमसे अलग हो के कहां जाऊंगा।...