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Monday, March 13, 2023

किताब, ✍️ हेमंत कुमार

किताब 📖📖

हर तरफ़ खुशबू महकाये, किताब एक ऐसी लिखी जाए।
हर एक दिल को छू जाए, मिसाल एक ऐसी लिखी जाए।।

तमाम दुनिया भरी पड़ी है किस्सों, कहानियों, फसानों की।
इन सब से जरा हट कर ‘हकीकत’ एक ऐसी लिखी जाए।।

बे-हिसाब बरसा पानी बनता है दरिया में सूरत सैलाब की।
डूबतों को बचाए कागज़ पर किश्ती एक ऐसी लिखी जाए।।

हर एक शख्स के सीने से मिट जाएं लकीरें घनी बेचैनी की।
इश्किया दिल की कलम से इबारत एक ऐसी लिखी जाए।।

लाइब्रेरियाँ भरी पड़ी हैं उदासियों के किस्से~कहानियों की।
सूखी आखों में नमी ले आए गुफ्तगू एक ऐसी लिखी जाए।।

भूल जाएं लोग अलिफ~लैला में पढ़ी दास्तानें रेगिस्तान की।
रेत के टीलों पर उंगलियों से हसरत एक ऐसी लिखी जाए।।

सबको याद रहे अपनी कहानी सुख~दुख में हिस्सेदारी की।
जिंदगी के कहकहों पर ‘कुमार’ बात एक ऐसी लिखी जाए।
📚📚

✍️ हेमंत कुमार 

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