जाड़े_की_धूप 😶🌫️😶🌫️
ये अलसाई सी जाड़े की धूप और उसपे ख़्याल तुम्हारा ।
बहा ले जाता है मुझे उन सुनहरी यादों के गहरे समुंद्र में।।
ये जनवरी का घना सा कोहरा और हंसता चेहरा तुम्हारा।
उड़ा ले जाता है मुझे उन पुरानी ‘राहों’ पर तुम्हारे साथ में।।
ये तिल की गज्जक, चाय की चुस्की और कमाल तुम्हारा।
चला ले जाता है मुझे उन कातिल जज्बातों की दुनिया में।।
ये पुरानी सी गुलाबी स्वेटर और ‘महरून’ मफ़लर तुम्हारा।
घेर ले जाता है मुझे उन अल्हड़ बेफिक्र जवानी के दिनों में।।
ये कड़कड़ाती सर्दी की ठिठुरन और जलता अलाव तुम्हारा।
तैरा ले जाता है मुझे उन गर्माहट भरे एहसासों के भंवर में।।
ये घने कोहरे का गायब होना और फिर ना मिलना तुम्हारा।
लौटा ले जाता है मुझे उन बेगानी सी घुटन भरी गलियों में।।
🌁🌁
✍️ हेमंत कुमार