ये सर्द मौसम, ये लंबी रातें,
मुझे यूं भी पसंद है क्योंकि
इसी सर्द मौसम में वजूद में
आया था मैं.....
ये कोहरा, ये ओस की बूंदें,
मुझे यूं भी पसंद है क्योंकि
इसी सर्द मौसम में मेरे हिस्से
में आए थे तुम.....
ये नर्म धूप, ये ठंडी हवाएं,
मुझे यूं भी पसंद है क्योंकि
इसी सर्द मौसम में महसूस हुआ
था प्रेम का पहला स्पर्श.....
ये नीला स्वेटर, ये सफेद शर्ट,
मुझे यूं भी पसंद है क्योंकि
इसी सर्द मौसम में पिलाई गई
थी वो पहली कॉफी.....
ये देर तक जागना, ये पढ़ना,
मुझे यूं भी पसंद है क्योंकि
इसी सर्द मौसम में उड़ी थी नींद
नींद से जागने को.....
ये रंग बिरंगे फूल, ये भंवरे,
मुझे यूं भी पसंद है क्योंकि
इसी सर्द मौसम में छूआ था
मैंने तुम्हारे मन को.....
ये आधा दिसंबर, ये जनवरी,
मुझे यूं भी पसंद है क्योंकि
इसी सर्द मौसम में साल दर साल
नव अंकुरित होता हूं मैं.....
🧑🎤🧑🎤
✍️ हेमंत कुमार