उमड़ते समंदरों का ‘साहिल’ होना शौक में शुमार है उसके।
शोहरतों की फेहरिस्त में शामिल होना मिज़ाज में है उसके।।
प्यार, इश्क और मोहब्बत की अलग ही परिभाषा गढ़ता है।
दिल-विल लगाने के बिल्कुल अलग से ही हैं अंदाज उसके।।
जिंदगी को अजीब सी, उलझी हुई सी पहेली बना के रखा है।
सबसे अलग हटके ही तय किए गए होंगे सब आयाम उसके।।
दौलत बेशुमार लिखी है किस्मत में, रुपया एक नहीं होता है।
बस आज की ही फिक्र करता है, देखो कैसे ख्याल हैं उसके।।
ढंग उसका लिखने-लिखाने का बेतकल्लुफ,बेतरतीब सा है।
सिर्फ दिल ही नहीं अपनी ‘कलम’ भी कहाँ बस में है उसके।।
स्टाइल -ए- यार ऐसा है कि सब से गले लग के मिलता है।
प्रेम की ऐसी गंगा बहाता है कि सब लोग ‘मुरीद’ हैं उसके।।
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✍️ हेमंत कुमार