बेशक
मुझे
‘चांद’
पसंद
है....
पर
मुझे
एक
‘जुगनू’
से
बेहद
गहरा
जुड़ाव
है....
‘चांद’
ऊपर
बैठकर
जाने
कितने
रूप
बदलता
है....
मगर
यहां
ये
‘जुगनू’
दिल
में
उतरकर
बस
सबकुछ
रोशन
कर
देता
है।
☘️
✍️ हेमंत कुमार
No comments:
Post a Comment