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Wednesday, March 8, 2023

होली मुबारक, ✍️ हेमंत कुमार

होली मुबारक 💛

होली के ‘रंग’ मुबारक, खुशियों का ये त्योहार मुबारक। 
चेहरे पर ‘मुस्कान’ मुबारक,गुजिया और भांग मुबारक।।

छोटों को पिचकारी मुबारक, बड़ों को ‘धमाल’ मुबारक।
चटोरों को पकवान मुबारक, बाकी को मिष्ठान मुबारक।।

प्रेम मुबारक, स्नेह मुबारक, सब को नई उमंग मुबारक।
आशा और विश्वास मुबारक, सब को ये होली मुबारक।।
🌀🌼🌸🌻☘️

✍️ हेमंत कुमार 

Tuesday, February 28, 2023

अंदाज ए कातिल, ✍️ हेमंत कुमार

अंदाज ए कातिल 🫶🫶

कौन है वो, कहां है वो, जिसके “तलबगार” से हैं हम।
अब उसे कहां ढूंढे, जिसके बरसों से इंतजार में हैं हम।।

जब से मिले हैं उससे, बस ‘एक-दम’ ठगे से गए हैं हम।
अंदाज-ए-कातिल ही कुछ ऐसा है और क्या बताएं हम।।

ये नजरों का धोखा नहीं, सच में, ‘जान’ से, गए हैं हम।
तुम ही कहो, इस ‘जुर्म’ की ‘रपट’ कहां लिखवाएं हम।।

तीर जाके ठीक ‘निशाने’ पर लगा है, मान से गए हैं हम।
अब इस पर कोई ‘मरहम’ लगा दे,‘बेदम’ से हो गए हम।।

जब से पुकारा है मुझे मेरे नाम से,‘पगला’ से गए हैं हम।
इतनी शिद्दत थी उस लहजे में, करें भी तो क्या करें हम।।

मामला ये दिलों का है और ‘बेपरवाह’ से हो गए हैं हम।
अब खुदा जाने क्या होगा,‘मस्तमौला’ से हो गए हैं हम।।
☘️☘️

✍️ हेमंत कुमार

Monday, February 20, 2023

आईना, ✍️ हेमंत कुमार

आईना 🧖🧖

सब के सब झूठे हैं यहां बस आईना सच बोलता है।
जब तमाम रास्ते बंद हो जाएं बस ‘हुनर’ बोलता है।।

कितनी शिद्दत थी ढलती शामों में लिखी उसकी शायरी में।
आज भी पन्ने पलटते ही उसका एक~एक हर्फ बोलता है।।

बड़ी ताकत है रुपए पैसे और सियासत के गठजोड़ में।
हुक्मरान जब भी बौखला जाए उनका तोता बोलता है।।

लड़कपन का तूफानों भरा नादानी का दौर छूट गया पीछे।
अब वो जब चुप रहता है उसकी आंखों से इश्क बोलता है।।

सुना है उसकी ‘फूलों’ से नहीं बनती, कांटों के चक्कर में।
अब ये यूंही नहीं,वक़्त के साथ उसका ‘तजुर्बा’ बोलता है।।

सूखे पत्तों सा बिखरा हुआ है वो अपने ही महीन लिबास में।
जब भी वो कहीं उलझने लगता है ‘आईना’ सच बोलता है।।
🤳🤳

✍️ हेमंत कुमार

Tuesday, February 7, 2023

मेरे सपनों की दुनिया, ✍️ हेमंत कुमार

मेरे सपनों की दुनिया 🧞🧜

आओ किसी दिन मेरे सपनों की दुनिया में.....
चलो मिलते हैं मेरे सपनों की दुनिया में.....

चलेंगे सितारों के जहान में बांहों में बांहे डाल के.....
सारी रात बिताएंगे उस गुलिस्तान में.....
जहां ना कोई हमें रोकने~टोकने वाला हो.....
जहां मैं तेरे आगोश में बैठा रहूं.....
तुम गाती रहो, मुस्कुराती रहो.....
और मैं तुम्हें देख के गुनगुनाता रहूं.....
सुबह तलक हम होश में ना आएं.....

फिर अचानक से दिन की हो दस्तक.....
इधर मेरी आंख खुले और मेरा कमरा 
तेरी खुशबू से भर जाए.....
और उधर तुम्हारा दिल जोर से धड़के 
और तुम्हें मेरे नाम की हिचकी आ जाए.....
तुम मुझे याद करके मंद~मंद मुस्कुराओ 
और तुम्हारे चेहरे पे नूर उतर आए.....

आओ किसी दिन मेरे सपनों की दुनिया में.....
चलो मिलते हैं मेरे सपनों की दुनिया में.....
💫💫

✍️ हेमंत कुमार

Saturday, February 4, 2023

उम्मीद की सड़क, ✍️ हेमंत कुमार

उम्मीद की सड़क 🛣️🛣️

इस गांव से जो ये उम्मीद की सड़क शहर को जाती है।
ना जाने कितने रंग~बिरंगे ‘सपनों’ को पंख लगाती है।।

वो लड़की जो बीते बरस कम्प्यूटर सीखने जाती थी।
अब अपनी उंगलियों पर उस कम्प्यूटर को नचाती है।।

वो मां जिसका कलेजा.....
उसके वापस ना आने तक धक~धक करता था।
आज उसकी कामयाबी पर फूले नहीं समाती है।।

वो लड़का जो चार बरस पहले शहर कुछ बनने गया था।
अब हिन्दुस्तान की फ़ौज में एक बड़ा ‘अफसर’ बना है।।

वो बाप जो दिन रात....
बस इस सोंच में रहता था कि ये कर्ज कैसे उतरेगा।
आज बडे ही गर्व से अपनी ‘मूंछों’ पर ताव देता है।।

वो किसान जिसकी फसलें खेत में ही सड़ जाती थीं।
अब कुछ मिनटों में शहर की मंडी में पहुंच जाती हैं।।

वो बच्चा जो हमेशा....
बस इस उम्मीद में रहता था काश मैं भी स्कूल जा पाऊं।
आज नई कमीज पहन कर साइकिल से स्कूल जाता है।।

वो डॉक्टरनी जो गांव में आने से सदा ही कतराती थी।
अब बस से गांव में समय से पहले दौड़ी चली आती है।

वो बूढ़ी दादी जो....
बस अपनी बीमारी को लेकर हमेशा परेशां ही रहती थी।
आज अपने पोते संग खूब खेलती, हंसती, मुस्कुराती है।।

यकीनन.....
उस शहर से जो ये उम्मीद की सड़क गांव को आती है।
ना जाने कितने हताश हुए दिलों को मरहम लगाती है।।
🧑‍⚕️👩‍🔬🧑‍✈️👩‍💻

✍️ हेमंत कुमार

बेदर्द दुनिया, ✍️ हेमंत कुमार

बेदर्द दुनिया 🔆🔆 बड़ी बेदर्द है दुनिया,“हवाओं” के संग हो के कहां जाऊंगा। तुझमें बसती है रूह मेरी, तुमसे अलग हो के कहां जाऊंगा।...