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Tuesday, March 5, 2024

तुम, ✍️ हेमंत कुमार

तुम 💐💐

गुलाबी सा मौसम, गुलाबी से ख़्वाब, गुलाबी गुलाबी सी तुम....

खिले खिले से फूल, खिली खिली सी धूप, खिली खिली सी तुम....

लहराती हुई फसलें, लहराती हुई जुल्फें, लहराती हुई सी तुम....

महकते हुए नजारे, महकते हुए अहसास, महकती हुई सी तुम....

हंसते हुए ‘रास्ते’, हंसते हुए ‘दरखत’, ‘हंसती’ हुई सी तुम....

नाचते हुए मोर हर और, नाचते हुए गुलमोहर, नाचती हुई सी तुम....

गुनगुनाते हुए भंवरे, गुनगुनाती हुई तितलियां, गुनगुनाती हुई सी तुम....
🥀🦋

✍️ हेमंत कुमार

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बेदर्द दुनिया, ✍️ हेमंत कुमार

बेदर्द दुनिया 🔆🔆 बड़ी बेदर्द है दुनिया,“हवाओं” के संग हो के कहां जाऊंगा। तुझमें बसती है रूह मेरी, तुमसे अलग हो के कहां जाऊंगा।...