हे श्री कृष्णा, मुरारी, गिरधारी, बांके बिहारी।
हम आए हैं शरण आपकी.......हे चक्रधारी।।
तुमसा दोस्त, तुमसा प्रेमी, तुमसा रखवाला।
और कौन इस जहान में...........हे गिरधारी।।
न्याय–अन्याय, धर्म–अधर्म, सत्य–असत्य।
इसका मर्म तूने ही तो बताया.....हे यादवेंद्र।।
प्रेम का राग तुमने सिखाया है इस जहान को।
हर नर और नारी में बसे हो........हे नारायण।।
कर्म का ज्ञान दिया कुरुक्षेत्र के भीषण रण में।
कर्मयोग का सार भी दिया......हे पार्थसारथी।।
हे श्री कृष्णा, मुरारी, गिरधारी, बांके बिहारी।
हम आए हैं शरण आपकी........हे चक्रधारी।।
🦚🦚
✍️ हेमंत कुमार