छोटी—छोटी ‘‘ख्वाहिशें’’ ही तो की हैं तुमसे।
मैने कोई ‘‘आसमान’’ थोड़े ही मांगा है तुमसे।।
थोड़ी “बारिश”, थोड़ी धूप ही मांगी है तुमसे।
मैने कोई “कायनात” थोड़े ही मांगी है तुमसे।।
थोड़ी फुर्सत,थोड़ा “सुकून” ही मांगा है तुमसे।
मैने कोई “माह–ताब” थोड़े ही मांगा है तुमसे।।
थोड़े पुराने ‘दोस्त’,थोड़े लम्हें ही मांगे हैं तुमसे।
मैने कोई ‘तारे–सितारे’ थोड़े ही मांगे है तुमसे।।
“ए जिंदगी” बहुत ‘थोड़ा’ सा ही मांगा है तुमसे।
थोड़ी सी ‘खुशी’, थोड़ा ‘चैन’ ही मांगा है तुमसे।।
🙋♂️💁
✍️ हेमंत कुमार
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