झील सी आँखें और इनमें तैरते ख्वाब
लाज़वाब! लाज़वाब‼️
हंसता हुआ चेहरा और उसपे ये रुआब
लाज़वाब! लाज़वाब‼️
लहजा ए अदब का कहां है कोई जवाब
लाज़वाब! लाज़वाब‼️
नजर आते हो ऐसे जैसे खिलता गुलाब
लाज़वाब! लाज़वाब‼️
रुतबा आपका ऐसा जैसे हो कोई नवाब
लाज़वाब! लाज़वाब‼️
अब आपको और क्या~क्या दें खिताब
लाज़वाब! लाज़वाब‼️
❤️❤️
✍️ हेमंत कुमार
No comments:
Post a Comment