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Saturday, January 15, 2022

भरोसा ✍️ हेमंत कुमार


भरोसा 🙋‍♂️🙋‍♂️ 

चलाओ आंधियां या बरसाओ पानी....!! 
चिराग़ हूं....रौशनी फैलाता ही जाऊंगा। 

बुलाओ बबंडर या लाओ सुनामियां....!! 
तैराक हूं....किश्ती पार ले ही जाऊंगा। 

फैलाओ झूठ या चलाओ प्रपंच....!! 
सच हूं.....अंधेरे में भी चमकता ही जाऊंगा। 

बिछाओ कांटे या डालो कंकड़....!! 
धावक हूं.....दौड़ जीत के ही जाऊंगा। 

लगाओ इमरजेंसी या करो नजरबंद....!! 
कलम हूं......हू ब हू लिख ही जाऊंगा। 

रोको रास्ते या बनाओ ऊंचे बांध....!! 
दरिया हूं.......बहा के ले ही जाऊंगा। 

ठूंठ कर दो या काट डालो जड़ें....!! 
पेड़ हूं.....बीज बन के उग ही जाऊंगा। 

उजाड़ दो बस्तियां या चला दो बुलडोजर....!! 
समय हूं.....फैसला मैं ही लिख के जाऊंगा। 

महरूम रखो उजालों से या पहरे रखो....!! 
ख्वाब हूं....आंखों में चमक छोड़ ही जाऊंगा। 

गवां दो मुझे या आजमा लो मुझे....!! 
वक़्त हूं.....रेत की तरह उड़ ही जाऊंगा। 

लाख मना कर या हो जा मुझसे खफा....!! 
इश्क हूं.....तेरे दिल में उतर ही जाऊंगा। 
✨✨ 

 ✍️ हेमंत कुमार

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