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Sunday, July 10, 2022

माँ, ✍️ हेमंत कुमार

माँ 🌷🌷

महफूज़ हूं मैं इस “जमाने” में, 
खुश हूं मैं बस तेरा बेटा होने में,

गर माँ तू है.....

जिंदा है मेरा ‘बचपन’ अब भी,
भाती हैं ‘लोरियां’ मुझे अब भी,

गर माँ तू है.....

जुनून–ए–इश्क कुछ भी नहीं, 
रंगीन ‘महफिलें’ कुछ भी नहीं,

गर माँ तू है.....

डराता नहीं अंदर का शोर मुझे,
बहुत सुहाता है ‘चाँद’ भी मुझे,

गर माँ तू है.....

तेरी गोद में जन्नत का सुकून है,
तेरे सामने ‘हल्के’ सब जुनून है,

गर माँ तू है.....

बहुत भाता है ये जग सारा मुझे,
हर बात पे खूब ‘मुस्कराना’ मुझे,

गर माँ तू है.....
गर माँ तू है.....
❣️❣️

✍️ हेमंत कुमार


हालात, ✍️ हेमंत कुमार

हालात 🏘️🏘️

उससे मत पूछो हालात शहर के, नादान है वो।
सियासतदानों से, दिन के उजाले में मिलता है।।

हर तरफ रंगीनियों का उजाला हैं, परेशान है वो।
जिस ओर भी चलता, स्याह अंधेरों से मिलता है।।

उसे बनाना था अपना मुक्कदर, घबराया है वो।
जिससे भी मिलना चाहता, बेरोजगार मिलता है।।

बेईमानियों का सैलाब आया है, खौफजदा है वो।
जिधर भी जाए, हर तरफ उसे एक ठग मिलता है।।

पंख लगने थे उसके होंसलों को, बदहवास है वो।
कमाल का शहर है, हर गली में एक गिद्ध मिलता है।।

प्यार उसके नसीब में है ही नहीं, मुतमइन है वो।
जो भी मिलता है उसे, खंजर हाथ में लेके मिलता है।।
👥👥

✍️ हेमंत कुमार

बस मेरा इतना सा गम है, ✍️ हेमंत कुमार

बस मेरा इतना सा गम है 🙇‍♂️🙇‍♂️

खामोशी है लबों पे मेरे और आंखें नम हैं।
बस मेरा इतना सा गम है....

तन्हा सा है सफर मेरा और सपने कम हैं।
बस मेरा इतना सा गम है....

गरम सा है मिजाज मेरा और हवा नम है।
बस मेरा इतना सा गम है....

खुशनुमा सा है मौसम और हसरतें कम हैं।
बस मेरा इतना सा गम है....

हवाएं खिलाफ हैं मेरे और इरादों में दम है।
बस मेरा इतना सा गम है....

उम्मीदें बहुत है मुझ से और तजुर्बा कम है।
बस मेरा इतना सा गम है....

उधर वो उदास बैठे हैं और इधर बेहोश हम हैं।
बस मेरा इतना सा गम है....

सफर बहुत लंबा है और समय बहुत कम है।
बस मेरा इतना सा गम है....

आखिरी मुकाबले में इधर वो और उधर हम हैं।
बस मेरा इतना सा गम है....
🦸🤺

✍️ हेमंत कुमार

Saturday, July 2, 2022

मोहब्बत, ✍️ हेमंत कुमार

मोहब्बत  💛💙

उससे ही सीखी है ‘मोहब्बत’ करनी हमने।
उसपे ही लुटा देनी है अपनी सारी मोहब्बत हमने।। 

वो किसी और ही ‘दुनिया’ से आया लगता है।
उसपे ही हर ‘वक़्त’ अपनी जान लुटानी है हमने।।

वो शौकिया तौर पर बेहद आशिक मिजाज है।
उसको सच्चे दिल से ‘आशिकी’ सिखानी है हमने।।

वो गहरी ‘जुल्फों’ के पीछे धीरे से मुस्कुराता है।
उसकी इसी मुस्कान को ‘दिल’ में उतारना है हमने।।

वो उदास मौसमों में भी ‘रंग’ भरने में माहिर है।
उसके ‘ख्वाबों’ को मजबूत से पंख लगाने है हमने।।

वो बेशक मेरे “तिलिस्म” को तोड़ना चाहता है।
उसको आईने के सामने घंटों बैठा के रखना है हमने।।

वो हर पल ‘बेहद’ संभल – संभल के चलता है।
उसको बस थोड़ा सा ‘बेपरवाह’ सा कर देना है हमने।।

वो गहरे समुंद्रों से हीरे – मोती निकाल लाता है।
उसकी आंखों से आंसू ना निकले बस ये देखना है हमने।।
🍁🍁

✍️ हेमंत कुमार

Sunday, June 19, 2022

बेफ़िक्री, ✍️ हेमंत कुमार

बेफ़िक्री!! 🤷🤷

अल्हड़ सा वो बस अपनी ही धुन में ‘मदमस्त’ रहता है।
जब भी देखो उसको बस वो कहीं ‘व्यस्त’ ही रहता है।।

हर टेढ़े-मेढे सवाल का वो ‘बेमिसाल’ जवाब रखता है।
बेफ़िक्री उसकी ऐसी ‘मानो’ ‘दुनिया’ जेब में रखता है।।

वक्त बेवक्त मुझसे वो अपने ‘दिल’ का इजहार करता है।
गर मैं पूछ लूं उसके दिल का हाल तो ‘इन्कार’ करता है।।

मौसमों सा है वो, अपना अलग सा ही मिजाज रखता है।
कहीं पतझड़ में बहार तो कहीं हल्की-2 फुहार रखता है।।

मेरे ख्यालों में आकर वो इन दिनों मुझे परेशान करता है।
ऐसा तो कुछ नहीं है उसमें, वो कोई जादू-टोना करता है।।

बहुत मासूम सा है वो, जरूर किसी ‘उलझन’ में रहता है।
खोले दिल के राज, तो कोई जाने कहां खोया-2 रहता है।।
😎😎

✍️ हेमंत कुमार

बेदर्द दुनिया, ✍️ हेमंत कुमार

बेदर्द दुनिया 🔆🔆 बड़ी बेदर्द है दुनिया,“हवाओं” के संग हो के कहां जाऊंगा। तुझमें बसती है रूह मेरी, तुमसे अलग हो के कहां जाऊंगा।...