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Tuesday, August 23, 2022

आवाज का जादू, ✍️ हेमंत कुमार

आवाज का जादू ✨✨

आज फिर कानों में ‘गूंजी’ है आवाज उसकी।
आज फिर से ‘जान’ में ‘जान’ आई है उसकी।।

उसकी बातें, उसकी यादें, बस ‘उसका’ ही तो है सुरूर।
क्यों ना हो उसका जुनूं ? बस वो ही तो है उसका गुरुर।।

उसकी खनकती आवाज का ही तो है ये जादू।
उसका उस पर ही नही रह पाता है कोई काबू।।

ये दुआ है मेरी,‘रहमत’ सदा बनी रहे उसकी। 
क्योंकि उसमें ही तो अटकी हैं ‘सांसे’ उसकी।।
💓💓
जय श्री कृष्णा। 🙏

✍️ हेमंत कुमार

खोटा सिक्का, ✍️ हेमंत कुमार

खोटा सिक्का  🎭🎭

गफलत में हो ‘आवाम’ तो खोटा~सिक्का भी चल सकता है।
ना पूरे हुए जो अरमान जिंदगी में, तो मुर्दा भी चल सकता है।।

कोई नहीं निगहबाँ यहां मासूमों, मजलूमों और बेसहारों का।
अदालत में यहां झूठा मुकदमा कई बरस भी चल सकता है।।

इक तरफ एक “घर” नहीं चल पाता खून–पसीना बहाने से।
कमाल देखिए जनाब यहां जुमलों से ‘देश’ भी चल सकता है।।

वो और लोग थे जो बड़ी ‘सादगी’ से जी गए जमाने अपने।
ये ‘अजीब’ दौर है यहां आदमी नंगे बदन भी चल सकता है।।

झूठे होते हैं ‘चुनाव’ में बे-हिसाब किए गए सारे कसमें-वादे।
बात में गर दम हो तो इसी देश में ‘जे.पी’ भी चल सकता है।।

एक अरसे से सच में ‘सच’ को ‘सच’ बोलना गुनाह है जहां।
मुमकिन है ऐसे देश में ‘झूठ’ का कारोबार भी चल सकता है।।

बड़े सपने संजोए थे ‘शहीदों’ ने अपनी जान हथेली पे रख।
उनको भुलाने का ये लंबा दौर, कुछ ओर भी चल सकता है।।
🙈🙉🙊

✍️ हेमंत कुमार

Sunday, July 10, 2022

माँ, ✍️ हेमंत कुमार

माँ 🌷🌷

महफूज़ हूं मैं इस “जमाने” में, 
खुश हूं मैं बस तेरा बेटा होने में,

गर माँ तू है.....

जिंदा है मेरा ‘बचपन’ अब भी,
भाती हैं ‘लोरियां’ मुझे अब भी,

गर माँ तू है.....

जुनून–ए–इश्क कुछ भी नहीं, 
रंगीन ‘महफिलें’ कुछ भी नहीं,

गर माँ तू है.....

डराता नहीं अंदर का शोर मुझे,
बहुत सुहाता है ‘चाँद’ भी मुझे,

गर माँ तू है.....

तेरी गोद में जन्नत का सुकून है,
तेरे सामने ‘हल्के’ सब जुनून है,

गर माँ तू है.....

बहुत भाता है ये जग सारा मुझे,
हर बात पे खूब ‘मुस्कराना’ मुझे,

गर माँ तू है.....
गर माँ तू है.....
❣️❣️

✍️ हेमंत कुमार


हालात, ✍️ हेमंत कुमार

हालात 🏘️🏘️

उससे मत पूछो हालात शहर के, नादान है वो।
सियासतदानों से, दिन के उजाले में मिलता है।।

हर तरफ रंगीनियों का उजाला हैं, परेशान है वो।
जिस ओर भी चलता, स्याह अंधेरों से मिलता है।।

उसे बनाना था अपना मुक्कदर, घबराया है वो।
जिससे भी मिलना चाहता, बेरोजगार मिलता है।।

बेईमानियों का सैलाब आया है, खौफजदा है वो।
जिधर भी जाए, हर तरफ उसे एक ठग मिलता है।।

पंख लगने थे उसके होंसलों को, बदहवास है वो।
कमाल का शहर है, हर गली में एक गिद्ध मिलता है।।

प्यार उसके नसीब में है ही नहीं, मुतमइन है वो।
जो भी मिलता है उसे, खंजर हाथ में लेके मिलता है।।
👥👥

✍️ हेमंत कुमार

बस मेरा इतना सा गम है, ✍️ हेमंत कुमार

बस मेरा इतना सा गम है 🙇‍♂️🙇‍♂️

खामोशी है लबों पे मेरे और आंखें नम हैं।
बस मेरा इतना सा गम है....

तन्हा सा है सफर मेरा और सपने कम हैं।
बस मेरा इतना सा गम है....

गरम सा है मिजाज मेरा और हवा नम है।
बस मेरा इतना सा गम है....

खुशनुमा सा है मौसम और हसरतें कम हैं।
बस मेरा इतना सा गम है....

हवाएं खिलाफ हैं मेरे और इरादों में दम है।
बस मेरा इतना सा गम है....

उम्मीदें बहुत है मुझ से और तजुर्बा कम है।
बस मेरा इतना सा गम है....

उधर वो उदास बैठे हैं और इधर बेहोश हम हैं।
बस मेरा इतना सा गम है....

सफर बहुत लंबा है और समय बहुत कम है।
बस मेरा इतना सा गम है....

आखिरी मुकाबले में इधर वो और उधर हम हैं।
बस मेरा इतना सा गम है....
🦸🤺

✍️ हेमंत कुमार

बेदर्द दुनिया, ✍️ हेमंत कुमार

बेदर्द दुनिया 🔆🔆 बड़ी बेदर्द है दुनिया,“हवाओं” के संग हो के कहां जाऊंगा। तुझमें बसती है रूह मेरी, तुमसे अलग हो के कहां जाऊंगा।...