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Monday, November 22, 2021

कभी तो आओ तुम, ✍️ हेमंत कुमार

कभी_तो_आओ_तुम....✨✨ 

तमन्नाओं की महफिल सजाई है हमने 
कभी तो आओ तुम.... 
दूर बैठे मंद~मंद ना मुस्कराओ तुम। 

तेरे दीदार को कब से तरस रहें हैं हम 
कभी तो आओ तुम....
अपनी टेढ़ी बातों में ना उलझाओ तुम।

इश्क बरस रहा है बादलों से हर तरफ़ 
कभी तो आओ तुम....
उलझे हुए ख्यालों को सुलझाओ तुम।

क्या मालूम कौन सी शाम आखिरी हो
कभी तो आओ तुम....
अपनों की महफिल से ना कतराओ तुम।

कौन मुसाफ़िर ठहरा है बहुत लंबा यहां
कभी तो आओ तुम....
अब, खुद को, यूं ही ना आजमाओ तुम। 

कभी तो आओ तुम....
🌻🌻

✍️ हेमंत कुमार

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