याद रखते हैं कुछ लोग मुझे अपनी “दुवाओं” में।
दोस्तों की इस दोस्ती ने मुझे अमीर बना रखा है।।
बड़ी मुश्किल से मिलते हैं हमख्याल इस जहां में।
इन दीवानों ने मुझे अपना “दीवाना” बना रखा है।।
दिन महकते उनकी खुशबू से, शामें जगमगाती हैं।
दोस्तों ने ‘जिन्दगी’ को बेहद खुशनुमा बना रखा है।।
कोई है शहर में, कोई नजरों से बहुत दूर बसता है।
जिनसे मिल नही पाता,फोन से राब्ता बना रखा है।।
बहुत जरूरी हैं दोस्त जिंदगी में आइना दिखाने को।
दोस्तों ने इस तरह मुझे बुरी बलाओं से बचा रखा है।।
हर सफर में, बहुत से अलग–अलग हमसफर रहे हैं।
हर एक ‘अजीज’ को मैने अपने दिल में बसा रखा है।
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✍️ हेमंत कुमार